कोरोना वायरस के लक्षण और इसका इलाज - daily health letters,relationship,health information,natural remedies,pregnancy symptoms

Thursday, February 6, 2020

कोरोना वायरस के लक्षण और इसका इलाज


वैज्ञानिकों का कहना है कि तेज़ी फैलने वाला घातक वायरस कहीं ज़्यादा संक्रामक है। इसकी चपेट में आ चुका व्यक्ति इसे सिर्फ खांसी या एक छींक से फैला सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि तेज़ी फैलने वाला घातक वायरस कहीं ज़्यादा संक्रामक है। इसकी चपेट में आ चुका व्यक्ति इसे सिर्फ खांसी या एक छींक से फैला सकता है।
क्या है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस है जो जानवरों और इंसानों को बीमार कर सकता है। ये एक RNA वायरस है, जिसका मतलब ये है कि यह एक शरीर के अंदर कोशिकाओं में टूट जाता है और उनका उपयोग खुद को पुन: उत्पन्न करने के लिए करता है। अपने आकार में क्राउन (कांटों वाला) जैसा दिखने के कारण इस वायरस का नाम कोरोना पड़ा है. कोरोना वायरस इंसान के फेफ़ड़ों में घातक संक्रमण करता है !
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, यह वाइरस सी-फूड से जुड़ा है और इसकी शुरुआत चाइना के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाज़ार से ही हुई मानी जा रही है। कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। यह वायरस ऊंट, बिल्ली और चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। डब्ल्यूएचओ ने इस बात का अंदेशा भी जताया है कि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है।



कैसे फैलता है ये कोरोना वायरस

ये बीमारी सिर्फ खांसी और छींक के ज़रिए लोगों में फैल सकती है, इसका मतलब ये वायरस बेहद आसानी से किसी को भी संक्रामित कर सकता है। इसके अलावा यह लार के ज़रिए निकट संपर्क, चुंबन या फिर बर्तन शेयर करने से भी फैल सकता है। क्योंकि यह फेफड़ों को संक्रमित करता है, इसलिए खांसते वक्त मुंह से निकले वाली बूंदें भी सामने मौजूद व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं।


क्या हैं कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कम से कम 14 दिनों बाद इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। कोरोना वायरस के मरीज़ों में आमतौर पर जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखाई देते हैं। इसके बाद ये लक्षण निमोनिया और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं।  

कोरोना वायरस का इलाज

इस वक्त कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है। एंटीबायोटिक दवाएं वायरस से नहीं लड़तीं, इसलिए इनका उपयोग व्यर्थ है। हालांकि, एंटीवायरल ड्रग्स काम आ सकते हैं, लेकिन नए वायरस को समझने और उसका समाधान निकालने में कई साल लग जाते हैं।
अभी तक कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है। इस वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन बनाने का काम वैज्ञानिक कर रहे हैं।



क्यों नहीं मिल रहा कोरोना वायरस का इलाज?

इस वायरस के संक्रमण के तुरंत बाद व्यक्ति की मौत नहीं होती. जानकार मानते हैं कि इस कारण इससे संक्रमित लोगों की संख्या का सही आंकड़ा पता करना मुश्किल है. इसे पहले कोरोना वायरस के पाए गए मामलों का नाता वुहान के साउथ चाइना सी-फूड होलसेल मार्केट से बताया जाता रहा है. लेकिन 1 दिसंबर 2019 से संक्रमण से जुड़े दस्तावेज़ इस ओर इशारा करते हैं कि इस कोरोना वायरस का वुहान के सी-फूड मार्केट से कोई नाता नहीं है. बताया जाता रहा कि ये वायरस पहले चमगादड़ों से बिल्लियों में और फिर बिल्लियों से इंसानों में फैला था. अगर ये पता चल जाए कि वायरस सबसे पहले किस जानवर से फैलना शुरू हुआ है तो इसकी रोकथाम में काफ़ी मदद मिलती है. संमदर में पाई जाने वाली बेलुगा व्हेल (सफ़ेद व्हेल) कोरोना वायरस की कैरियर हो सकती है. लेकिन वुहान के सी-फूड मार्केट में कई जंगली जीवित जानवर रखे जाते हैं, जिनमें मुर्गियां, चमगादड़, खरगोश और सांप मुख्य हैं. इन जानवरों में से कोई भी इस घातक वायरस का स्रोत हो सकता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये नया कोरोना वायरस चीनी हॉर्सशू चमगादड़ में मिलने वाले वायरस से मिलता जुलता है. हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि आज जिस स्थिति से चीन जूझ रहा है उसके लिए यही चमगादड़ ज़िम्मेदार है. लेकिन ये हो सकता है कि इन चमगादड़ों के शरीर से वायरस दूसरे जानवर के शरीर में आया हो.सबसे पहले जब इस वायरस के संक्रमण की ख़बर मिली तो वैज्ञानिकों का कहना था कि ये इंसानों से इंसानों में नहीं फैलता लेकिन अब पता चला है कि एक व्यक्ति 1.4 से लेकर 2.5 लोगों को संक्रमित कर सकता है. ऐसे में जब तक इसका पुख्ता इलाज मिल नहीं जाता शहरों को पूरी तरह ठप कर के ही इसके संक्रमण को रोका जा सकता है.


बरतें जरूरी सावधानियां कोरोना वायरस



अपने हाथ साबुन-पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें। खांसते या छींकते हुए अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें। जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें। मीट अंडों को खाने से पहले अच्छे से पकाएं। जंगली और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क बनाएं। भीड़भाड़ वाली जगह पर जाएं, खास तौर पर चीन से सफर कर लौटे व्यक्ति से दूर रहें। सब्जी और फलों को खाने से पहले अच्छी तरह धोएं। जिन देशों या जगहों पर इस बीमारी का प्रकोप फैला है, वहां यात्रा करने से बचें। सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक यातायात के साधनों में कुछ भी छूने या किसी से हाथ मिलाने से बचें।

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