अम्लपित्त यानि
एसिडिटी
पेट
का
एक
ऐसा
रोग
है
जो
पेट
में
जो
अचानक
से
पेट
में
एसिड
की
मात्रा
बढ़
जाने
से
उत्पन्न
होता
है।
ये
परेशानी
तब
होती
है
जब
खाना
अच्छी
पचाने
वाले
पेट
में
एसिड
की
मात्रा
अधिक
हो
जाती
है।
यह
हाइड्रोक्लोरिक
एसिड
का
मिश्रण
होता
है।
लेकिन
जब
पेट
में
इस
एसिड
का
उत्पादन
बढ़ने
लगता
है
तो
इससे
आपको
कई
तरह
की
दिक्कतें
होने
लगती
हैं।
पेट
में
ये
एसिड
कई
कारणों
के
वजह
से
भी
बनता
है
जैसे
ज्यादा
ऑयली
फूड
खा
लेने
या
ज्यादा
डायटिंग
कर
लेने
से।
एसिड बनने
की
समस्या
से
त्वचा
से
संबंधित
समस्या,
बहुत
अधिक
पसीना
आना,
अपच
और
चिडचिडापन
आदि
समस्याएं
होती
हैं।
ऐसे
में
हर
2 से
3 घंटे
के
भीतर
कुछ
न
कुछ
हेल्दी
खाते
रहना
बहुत
जरूरी
है।
ताकि
शरीर
में
और
अधिक
एसिड
ना
बने।
आइए
जानते
है
पेट
में
एसिड
बनने
के
लक्षण
और
इस
दौरान
कैसी
खुराक
लेनी
चाहिए।
पेट फूलना
पेट में
एसिड
ज्यादा
बन
जाने
पर
पेट
फूलने
की
समस्या
होने
लगती
है।
अगर
आप
अचानक
ऐसा
महसूस
करने
लगे
कि
आपके
पेट
में
गैस
बनती
जा
रही
है
या
पेट
फूल
रहा
है
तो
इसका
मतलब
है
कि
पेट
में
एसिड
बढ़
गया
है।
ऐसे
समय
में
ठंडी
चीजें
खाने
से
जल्दी
आराम
मिलता
है।
एसिड रिफ्लक्स :
यह समस्या
तब
होती
है
जब
पेट
में
मौजूद
खाना
उल्टी
दिशा
से
आहार
नली
में
जाने
लगता
है।
इसके
अलावा
ज्यादा
देर
खाली
पेट
रहने
से
भी
एसिड
रिफ्लक्स
होता
है।
जब
देर
तक
पेट
खाली
रहता
है
तो
एन्ज़ाइम
और
एसिड
पेट
के
खाने
को
हजम
नहीं
होने
देते
हैं
और
एसिड
बनने
लगता
है।
ऐसे
में
लोअर
इसोफेगल
स्पिंचर
(एलईएस)
ठीक
से
काम
नहीं
करता
तथा
ग्रासनली,
एसिड
को
पेट
से
ऊपर
की
ओर
धकेलती
है।
अगर
पेट
में
भोजन
को
पचाने
वाला
एसिड
गले
तक
वापस
चला
आता
है
तो
यह
गले
में
घाव
पैदा
कर
देता
है।
डकार आना
पेट में
ज्यादा
एसिड
बन
जाने
पर
पेट
में
गैस
बनने
लगती
है
और
इस
वजह
से
आपको
डकार
आने
लगती
है।
हार्टबर्न :
पेट में
एसिड
की
मात्रा
बढ़
जाने
के
कारण
ही
हार्ट
बर्न
की
समस्या
होने
लगती
है।
इसके
अलावा
आपको
एसिडिटी
या
गैस
की
समस्या
भी
हो
सकती
है।
पेट का अल्सर :
पेट में
एसिड
की
मात्रा
बढ़ने
से
कुछ
गंभीर
किस्म
के
रोग
भी
हो
सकते
हैं।
अधिक
मात्रा
में
एसिड
बढ़
जाने
से
आपको
पेट
का
अल्सर
जैसी
समस्याएं
भी
हो
सकती
हैं।
हरी सब्जियां
अगर आप भी
एसिड
की
समस्या
से
परेशान
है
तो
हरी
सब्जियां
जैसे
गाजर,
पत्तागोभी,
शिमला
मिर्च
आदि
का
सेवन
करें।
बेहतर
होगा
कि
आप
इन्हें
अधिक
तेल
में
न
पकाएं।
अगर
इन्हें
उबाल
कर
खाया
जाए
तो
सबसे
अधिक
फायदा
मिलता
है।
डेयरी प्रॉडक्ट
गाय का दूध,
घी,
बिना
नमक
वाला
मख्खन,
कॉटेज
चीज़,
बकरी
का
दूध,
आइसक्रीम,
दही
आदि
का
सेवन
करें।
इनके
सेवन
से
सेहत
भी
ठीक
रहती
है
है
और
पित्त
की
समस्या
भी
नहीं
होती।
ताज़े फलों का सेवन
सेब, एवोकाडो,
ताज़े
अंजीर,
अंगूर
(काले
या
लाल),
पके
हुए
आम,
खरबूज़
या
तरबूज़,
संतरा,
पपीता,
नारियल,
खजूर,
नाशपाती,
अनानास,
आलू
बुखारा,
अनार
आदि
का
सेवन
करना
लाभदायक
होता
है।
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