लौंग
भोजन
का
स्वाद
बढ़ाने
के
साथ
ही
आयुर्वेदिक
औषधि
का
भी
काम
करती
है।
आकार
में
छोटी
दिखाई
देने
वाली
लौंग
को
मसालों
के
अलावा
भी
कई
तरह
से
इस्तेमाल
किया
जा
सकता
है।
सर्दी-जुकाम
जैसी
साधारण
परेशानियों
से
लेकर
कैंसर
जैसे
गंभीर
रोग
के
इलाज
में
भी
इसको
प्रयोग
किया
जाता
है।
लौंग
के
तेल
को
औषधि
के
रूप
में
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
इसका
तेल
त्वचा
पर
लगाने
से
कीड़े
मर
जाते
हैं
और
दांत
में
लगाने
से
दांत
दर्द
में
आराम
मिलता
है।
मसाले
के
रूप
में
लौंग
का
इस्तेमाल
शरीर
के
लिए
बहुत
फायदेमंद
है।
इसमें
प्रोटीम,
आयरन,
कार्बोहाइड्रेट्स,
कैल्शियम,
फॉस्फोरस,
पोटैशियम,
सोडियम
और
हाइड्रोक्लोरिक
एसिड
भरपूर
मात्रा
में
मिलते
हैं।
इसमें
विटामिन
ए
और
सी,
मैग्नीज
और
फाइबर
भी
पाया
जाता
है।
लौंग
में
कई
तरह
के
पाचक
एंजाइम
होते
हैं।
इसे
खाने
से
पाचन
तंत्र
ठीक
रहता
है
और
एसीडिटी
खत्म
होती
है।
लौंग
को
भून
कर
उसे
पाउडर
की
तरह
बना
कर
शहद
में
मिला
कर
खाने
से
पाचन
तंत्र
ठीक
रहता
है।
लौंग
में
एंटी
बैक्टैरियल
गुण
होते
हैं।
यह
हमें
कई
तरह
के
रोगाणुओं
से
बचाते
हैं।
लौंग
से
निकले
रस
और
एंजाइम
रोगाणु
को
मार
देते
हैं।
कॉलरा
जैसी
रोगाणुजनित
बिमारियों
में
लौंग
एक
कारगर
दवा
है।
लौंग
ना
केवल
खाने
में
ही
बल्कि
दाँत
का
मंजन,
साबुन,
इत्र
एवं
दवा
के
रूप
में
लौंग
के
तेल
का
उपयोग
होता
है।
गर्दन
में
दर्द
या
फिर
गले
की
सूजन
होने
पर
लौंग
को
सरसों
के
तेल
के
साथ
मालिश
करने
पर
दर्द
समाप्त
होता
है।
एंटीसेप्टिक
गुणों
के
कारण
यह
चोट,
घाव,
खुजली
और
संक्रमण
में
भी
काफी
उपयोगी
होता
है।
इसका
उपयोग
कीटों
के
काटने
या
डंक
मारने
पर
भी
किया
जाता
है
लेकिन
संवेदनशाल
त्वचा
पर
इसे
नहीं
लगाना
चाहिए।
लौंग
के
तेल
का
इस्तेमाल
त्वचा
के
लिए
भी
बहुत
फायदेमंद
होता
है।
इसका
इस्तेमाल
मुंहासे
के
उपचार
में
भी
किया
जाता
है।
No comments:
Post a Comment